तुला राशि एवं तुला लगन से विचार ज्योतिष कृपा


तुला लग्न में लग्नेश शुक्र शुक्र केंद्र में हो त्रिकोण भाव में हो शनि तथा चंद्र शुभ एवं योगकारक ग्रह माने जाते हैं प्रमुख विशेषताएं तुला लग्न में जन्म लेने वाला जातक सुंदर एवं श्वेतवर्ण मध्यम जा ऊंचा कद यह शुक्र की स्थिति के अनुसार होता है कुछ लंबा एवं कुछ लंबाई लिए सुंदर आयत का चेहरा संतुलित शरीर रचना भूरिया नीली आंखें तीखे नैन नक्श तथा आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी होगा अधिक आयु में भी युवा दिखाई देने वाला चेहरा होगा बाल्यकाल में दुबला किंतु दृढ़ एवं पुष्ट होगा तथा आयु वृद्धि के साथ साथ संतुलित एवं स्वास्थ्य शरीर तथा प्रभावशाली व्यक्तित्व वाला होगा तुला जातक हंसमुख तथा दूसरों के मनोभाव को समझने तथा अपने विचार भी समझाने में कुछ होते हैं

स्वभावगत चारित्रिक विशेषताएं : तुला लग्न तुला लग्न में उत्पन्न जातक सौंदर्य न्यायशील शांति प्रिय ईमानदार विचार से तीव्र बुद्धिमान धर्म प्रयास वाशी स्पष्ट वादी एवं बातचीत करने में कुशल होगा कुंडली में शुक्र के साथ चंद्र बुध एवं शनि ग्रह भी शुभ हो तो जातक कल्पनाशील आदर्श एवं आशावादी दृष्टिकोण कुछ अभिलाषी अपने पहनावे एवं रहन सहन के प्रति विशेष सावधान दयालु उदार हृदय साथ में को डाल लेने वाला कुछ कर चले सवाब का भ्रमण प्रिय संगीत कला काव्य एवं साहित्यिक कृतियों के बावजूद क्रय विक्रय एवं तर्क वितर्क करने में कुछ होते हैं इसके अतिरिक्त दूसरे मनुष्य के मनोभावों को जान लेने में भी कुछ और होते हैं किसी अन्य व्यक्ति विशेष कर महिला वर्ग के साथ व्यवहार करते समय सिस्टर एवम् शालीनता को नहीं भूलते नए नए संपर्क एवं मित्र बनाने में भी कुशल होते हैं मानसिक एवं कल्पनीय शक्ति प्रबल होती है परंतु मन की केंद्रीय शक्ति अधिक देर तक नहीं रहती जब तक किसी कार्य में लगा रहे पूरे मनोयोग के साथ लगा रहेगा परंतु अपने विचार या कार्य योजना में परिवर्तन करने में भी शीघ्र प्यार हो जाएगा तुला किसी प्रकार का अनुचित दबाव को सहन नहीं कर सकता है यह अपनी स्वेच्छा प्रकृति की होती हैं कुछ विषयों में लापरवाह होने पर भी अपने उद्देश्य एवं स्वास्थ्य के प्रति तर्क एवं सावधान रहेगा चंद्र गुरु एवं शुक्र यदि चर राशि में हो तो जातक को देश विदेशों से अनेक स्थानों में भ्रमण करने के अवसर प्राप्त होते हैं समानता तुला राशि लग्न के जातक न्याय एवं मध्यस्था के कार्य करने में निपुण सच्चाई प्रशांत लोकप्रिय उदार हृदय परोपकारी एवं दान देने की प्रवृत्ति पराक्रमी वाहन एवं अन्य सुख साधनों के शौकीन देवी देवताओं और ब्राह्मणों की क्षमता रखने वाले स्त्रियों से संबंध बनाने में कुशल तथा निजी प्रारंभ एवं कुशल व्यक्ति द्वारा धन संपदा का अर्जुन करने वाले होते हैं 

स्वास्थ्य और रोग: यदि लग्नेश शुक्र बली होकर शुभ स्थान में हो तो तुला लग्न जातक का स्वास्थ्य अच्छा रहता है जीवन में क्रियाशील व्यस्त सक्रिय एवं युवा बने रहने की चेष्टा करते रहते हैं तुला जातक संयमित भोजन एवं नियमित व्यायाम करते रहे तो बहुत कम लोग होते हैं तथा दीर्घ आयु होते हैं यदि कुंडली में शुक्र शनि मंगल पाठ स्थान में हो तो इनके शरीर में असंतुलन एवं स्वास्थ्य बिगड़ जाने की संभावना होती है मानसिक थकान मधुमेह गुर्दे के रोग पथरी आदि पेट गया है वीर्य विकार एवं विशाल जनक गुप्त रोगों का भय रहता है तुला लग्न में सूर्य एवं मंगल अशुभ हो तो भेजना मस्त एवं नेत्र रोग नाक कान व गले के रोग आशंका रहती है तुला लग्न के जातकों को अत्यधिक बोर्ड एवं विलासता से बचना चाहिए इन्हें अत्यधिक कामुकता चुनाव माता दी तामसिक वस्तुओं के प्रयोग से भी परहेज करना चाहिए सुखी जीवन के लिए प्रत्येक क्षेत्र में संयम एवं संतुलन अत्यंत लाभदायक होंगे ध्यान मेडिटेशन और ईश्वर व्यक्ति विशेष सहायक होगी 

शिक्षा और कैरियर :तुला लग्न वालों के लिए शिक्षा और कैरियर पंचमेश शनि भाग्येश बुध एवं लग्नेश शुक्र अधिक ग्रहों का स्थान दृष्टि आदि से शुभ संबंध बना हो तो जातक उच्च व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करने में सफल हो जाता है पंचम भाव में शनि को छोड़कर कोई अन्य पाप ग्रह राहु केतु या मंगल हो तो जातक विद्या प्राप्ति में विघ्न बाधाएं होती हैं एवं अंतर्दशा विद्या प्राप्त करने में सफल होता है

 व्यवसाय और आर्थिक स्थिति : स्वतंत्रता प्रिय सूचनात्मक एवं कलात्मक अभिरुचि होने के कारण तुला लग्न जातक चिरकाल तक किसी की अधीनता स्वीकार नहीं कर पाते अपने निजी व्यवसाय में अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं जन्म कुंडली में शुक्र शनि बुध एवं चंद्र आदि ग्रह भाव में हो तथा शुभ या योगकारक ग्रह द्वारा विकसित हो तो जातक इन व्यवसायों में विशेष कामयाब एवं प्राप्त कर सकते हैं अध्यापक वकील न्यायधीश क्रय विक्रय कवि संगीतकार अभिनय कलाकार डॉक्टर राजनीतिज्ञ बैंकिंग भवन निर्माण लोकल पुर्जे गारमेंट फैशन डिजाइनिंग वस्त्र विक्रेता बिक्री मिठाई होटल फर्नीचर डीलर आर्किटेक्ट क्षमा साज सज्जा औषधि विक्रेता नौसेना कर्मचारी आइसक्रीम आदि फास्ट फूड स्टेशन औषधि विक्रेता मोदी के स्पेयर पार्ट्स वीडियो फिल्म इत्यादि से संबंधित व्यवसाय में विशेष लाभ एवं धन उन्नति प्राप्त कर सकते हैं किसी जातक की कुंडली में दशम या दशमेश ग्रह अथवा उनसे संबंधित जो ग्रह बलवान होगा जातक उसके अनुसार ही व्यवसाय में लाभ प्राप्त कर सकता है जैसे सूर्य बली होगा तो जातक को सरकारी क्षेत्रों से लाभ मिलेगा 

आर्थिक स्थिति : तुला लग्न के जातक की आर्थिक स्थिति तुला लग्न के जातक की आर्थिक स्थिति चंद्र मंगल शुक्र शनि और बुद्ध शुभ या योगकारक स्थिति में हो तो वेबसाइट द्वारा आच्छादन अर्चन करते हैं दो या अधिक ग्रहों में योग आदि का संबंध बना हो तो जातक इसके अतिरिक्त भाग्यवश एक से अधिक धन प्राप्त करने के साधन प्राप्त करता है विशेषकर सूर्य मंगल एवं बुध ग्रहों से संबंधित हो तो धनागमन में पारंपरिक बैठक योगदान विशेषकर प्रमुख होता है शनि शुभ भाव मैं या अच्छी स्थिति में जातक अपने बुद्धि कौशल एवं गुप्त युक्तियों से धनार्जन करने में कुशल होता है भूमि मकान वाहन आदि के सुख भी प्राप्त होता है 
तुला लग्न में मंगल भी अपनी राशि मेष और वृश्चिक जा मकर मैं हो तो विवाह प्रांत संपत्ति में विशेष लाभ व उन्नति होती है मान्यता पांडव में यही आया है कि तुला लग्न वाले जातक कठिन परिस्थितियों में भी अपने परिश्रम समायोजित योजना से निर्वाह योग्य आय के साधन प्राप्त कर ही लेते हैं तथा जल्द ही अपने परिवार के लिए सुंदर एवं अन्य वस्तुएं खरीदने के लिए उदारतापूर्वक खर्च भी कर देते हैं तुला जातक सीमित साधनों में भी रईसी ढंग से खर्च करने में नहीं हिचकिचाते

प्रेम संबंध एवं परिवारिक जीवन : जातक के जीवन में प्रेम और सौंदर्य का विशेष महत्व होता है अपने अच्छे व्यवहार सहज मुस्कान बात करने के तरीके के कारण पुरुष मित्रों के साथ-साथ महिला मित्रों मैं भी आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं चाहे किसी आयु में हो अपने मित्रों से संबंध बनाए आते हैं यदि शुक्र मंगल की राशि में हो अथवा मंगल के साथ हो तो उस स्थिति में सामाजिक मर्यादाओं को तोड़ कर भी अपनी इच्छा के अनुसार जीवन साथी का चयन करते हैं कहीं अनैतिक सबंध भी हो सकते हैं परंतु प्रेम सभा के स्थाई नहीं रह पाते अशुभ उद्योगों के कारण कई बार तंबाकू शराब के कारण भी कार हो जाते हैं शुभ राशि जातक एवं उपयुक्त जीवन साथी इसके लिए मैत्री चक्कर के अतिरिक्त तत्व दृष्टि में भी विचार करना चाहिए तुला राशि जान लग्न के मेष मिथुन तुला राशि वालों के साथ वैवाहिक एवं व्यवसायिक से बांध शुभ तथा लाभदायक रहते हैं वृश्चिक कर्क कन्या वृश्चिक धनु एवं मकर राशि के साथ मिश्रित एवं मध्यम फल प्राप्त होते हैं जबकि सिंह एवं मीन राशि वालों के साथ दोस्त होने से लाभदायक एवं शुभ नहीं होता ग्रहस्थ जीवन तुला जातक प्रेम संबंधों में प्राय चंचल उन्मुक्त व्यवहार में विश्वास करते हैं विवाहोपरांत उनके जीवन में विशेष परिवर्तन देखे गए हैं विशेषकर बच्चों की पैदाइश के पश्चात उनकी प्रकृति में विशेष कार्यात्मक परिवर्तन होते हैं एवं गैस जीवन के प्रति पूरी ईमानदारी एवं समर्पित होते हैं अपने परिवार को जीवन उपयोगी सभी प्रकार की सुख सुविधाएं देने के लिए जीवन प्राप्त कठोर परिश्रम करते हैं पंचमेश शनि के कारण संतान अलग अथवा सीमित संख्या में होती ह

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तुला राशि एवं तुला लगन से विचार ज्योतिष कृपा तुला राशि एवं तुला लगन से विचार ज्योतिष कृपा Reviewed by Jyotish kirpa on 02:35 Rating: 5

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