बुध ग्रह का विभिन्न ग्रहों के साथ युति का फल hindi astrology, jyotish kirpa


बुद्ध ग्रह= वैदिक ज्योतिष में बुध की बात करे तो बुद्ध को शुभ ग्रह कहा गया हैं बुद्ध ग्रह अकेला ऐसा ग्रह है जो की दिन और रात दोनों समय में अपना बल बराबर रहता हैं यह अकेला किसी भी राशि में हो यह बलबान ही रहता हैं नीच का होना इसको कोई बड़ा दोष नहीं हैं यह सात्विक , बुद्धिमान , विद्या , व्यपार आदि का कारक है यह जिस ग्रह के साथ हो वैसे हो जाता हैं इस कारण इसको शुभ या असुभ एक वर्ग में रख नहीं सकता हैं यह कुमार अवस्था का है मतलब यह युवा ग्रह है और छोटे कद का है यही कारण है कि सप्तम भाव में हो तो जल्दी ही विवाह हो जाता हैं क्योंकि यह युवा ग्रह है इसके बारे में एक विशेष बात है यह हैं कि जिसका हम बहुत कम ध्यान देते है यह राहु की तरह अचानक फल देता हैं यह छोटे कद का है जब यह लग्न या लग्नेश को प्रभावित करे तो जातक का कद बहुत छोटा है क्योंकि यह छोटा ग्रह है यह मिथुन और कन्या राशि का कारक है तो तो बुद्ध जब शुभ हो तो जातक के बाजू और कमर बहुत सुंदर होती हैं क्योंकि मिथुन और कन्या राशि इन की ही कारक है सूर्य के साथ वैसे सभी ग्रह अस्त हो जाते हैं और सूर्य के साथ सभी ग्रह किसी न किसी तरह दुखी रहते हैं पर यह बुद्ध जब सूर्य के साथ हो तो बुधादित्य योग बनाता हैं जो बहुत शुभ फल देता हैं बुद्ध को अस्त होने का विशेष दोष नहीं लगता हैं किचन्द्रमा जो की बुद्ध का पिता है बुद्ध तो चंद्रमा से कोई शत्रुता नहीं रखता पर चंद्रमा बुद्ध के साथ शत्रुता रखता हैं इन दोनों की युति हो प्रायः शुभ फल ही मिलते हैं चन्द्रमा के बल के अनुसार ही इनकी युति का फल मिलता हैं बुद्ध ग्रह की सबसे ज्यादा शत्रुता मंगल के ही साथ है इन दोनों की युति हो तो शुभ फल नहीं मिलते हैं एक विशेष बात जो की बुद्ध हमारी त्वचा का कारक है और मंगल रक्त का कारक है जब इन दोनों की युति हो तो त्वचा में विकार और और बुद्ध जिन चीजों का कारक हो उन चीजों की हानि होगी और गुरु के साथ प्रायः युति शुभ फल देती है शुक्र के साथ भी मित्र के साथ अच्छा फल देता हैं इन दोनों की युति जातक को व्यभिचार की और ले जाती हैं या यह योग बनाती हैं क्योंकि बुद्ध तो जिस के साथ हो वैसा हो जाता हैं और शुक्र स्त्री ग्रह है शनि और बुध की युति प्रायः शुभ रहती हैं पर इनकी युति हो तो जातक को थोड़ी बहुत नपुसकता होती हैं क्योंकि दोनों ही नपुंसक ग्रह है राहु के साथ युति जड़त्व दोष देती हैं बुद्ध बलबान हो तो बहुत ही चतुर बुद्धि यदि बल हिन् तो जड़ बुद्धिहीन समझ सक्ति कम होती हैं केतु के साथ स्वराशि बुद्ध के साथ केतु हो तो बहुत शुभ फल देता हैं और प्रायः इनकी युति शुभाशुभ रहती हैं
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