जरूरी जानकारी।
आज यानी 18 तारीख को सोमवारी अमावस्या है कुछ काम ऐसे हैं अगर हम सोमवारी अमावस्या के दिन वह काम करें तो दुर्भाग्य हमारा साथ कभी नहीं छोड़ता और हमें कई परेशानियों का सामना उसके बाद करना पड़ता है इसलिए नीचे दी गई बात को को ध्यान से पढ़ें।
हिंदू शास्त्रों में ऐसे बहुत से कार्य बताए गए हैं जो कुछ खास दिनों में निषेध होते हैं अगर उन कार्यों को हम उन दिनों में करते हैं तो हमें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है इसलिए हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि हमें क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए ऐसी जानकारी आपको कहीं नहीं मिलती लेकिन हमारा शुरू से ही ऐसा रहा है कि अपने पाठकों को हम अच्छी जानकारी दें।
जैसे कि सूर्य ग्रहण के दिन कुछ खास कार्य नहीं किए जाते उसी तरह सोमवारी अमावस्या के दिन भी इन कार्यों को नहीं किया जाता है अगर सोमवारी अमावस्या के दिन इन कार्यों को किया जाए तो समझ लीजिए दुर्भाग्य हाथ धोकर आपके पीछे पड़ जाएगा इसलिए ध्यान रहे कि इस तरह का कोई कार्य आप कल ना करें।
सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। ये वर्ष में लगभग एक अथवा दो ही बार पड़ती है। इस अमावस्या का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व होता है। विवाहित स्त्रियों द्वारा इस दिन अपने पतियों के दीर्घायु कामना के लिए व्रत का विधान है।
इस दिन मौन व्रत रहने से सहस्र गोदान का फल मिलता है।शास्त्रों में इसे अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत की भी संज्ञा दी गयी है।
अश्वत्थ यानि पीपल वृक्ष। इस दिन विवाहित स्त्रियों द्वारा पीपल के वृक्ष की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन इत्यादि से पूजा और वृक्ष के चारों ओर १०८ बार धागा लपेट कर परिक्रमा करने का विधान होता है।
आज यानी 18 तारीख को सोमवारी अमावस्या है कुछ काम ऐसे हैं अगर हम सोमवारी अमावस्या के दिन वह काम करें तो दुर्भाग्य हमारा साथ कभी नहीं छोड़ता और हमें कई परेशानियों का सामना उसके बाद करना पड़ता है इसलिए नीचे दी गई बात को को ध्यान से पढ़ें।
हिंदू शास्त्रों में ऐसे बहुत से कार्य बताए गए हैं जो कुछ खास दिनों में निषेध होते हैं अगर उन कार्यों को हम उन दिनों में करते हैं तो हमें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है इसलिए हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि हमें क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए ऐसी जानकारी आपको कहीं नहीं मिलती लेकिन हमारा शुरू से ही ऐसा रहा है कि अपने पाठकों को हम अच्छी जानकारी दें।
जैसे कि सूर्य ग्रहण के दिन कुछ खास कार्य नहीं किए जाते उसी तरह सोमवारी अमावस्या के दिन भी इन कार्यों को नहीं किया जाता है अगर सोमवारी अमावस्या के दिन इन कार्यों को किया जाए तो समझ लीजिए दुर्भाग्य हाथ धोकर आपके पीछे पड़ जाएगा इसलिए ध्यान रहे कि इस तरह का कोई कार्य आप कल ना करें।
सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। ये वर्ष में लगभग एक अथवा दो ही बार पड़ती है। इस अमावस्या का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व होता है। विवाहित स्त्रियों द्वारा इस दिन अपने पतियों के दीर्घायु कामना के लिए व्रत का विधान है।
इस दिन मौन व्रत रहने से सहस्र गोदान का फल मिलता है।शास्त्रों में इसे अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत की भी संज्ञा दी गयी है।
अश्वत्थ यानि पीपल वृक्ष। इस दिन विवाहित स्त्रियों द्वारा पीपल के वृक्ष की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन इत्यादि से पूजा और वृक्ष के चारों ओर १०८ बार धागा लपेट कर परिक्रमा करने का विधान होता है।
18 दिसम्बर को सोमवारी अमावस्या,भूलकर भी ना करें ये गलतियाँ,बरना पूरी उम्र दुर्भाग्य नही छोड़ेगा साथ।
Reviewed by Jyotish kirpa
on
21:50
Rating:

No comments: