प्रबल मंगल का पत्रिका में दशमभाव कार्यों का फल प्राप्त होता है।


प्रबल मंगल का पत्रिका में दशमभाव से संबध होन पर राजनीति, सेना, पुलिस, उच्चस्तरीय मैनेजमेन्ट नेतृत्व से संबधित कार्यों का फल प्राप्त होता है।
मंगल अस्त्र-शस्त्र, बिजली, अग्नि इत्यादि का सूचक होने के कारण मशीनी कार्य बिजली से संबधित कार्य, इलेट्रिकल इंजीनियर, वेल्डिगं इत्यादि कार्यो का सूचक है।
अग्नि पर अधिकार के कारण होटल, रसोई के कार्य तथा आधुनिक युग में मैनेजमेन्ट जैसी शिक्षा तथा कार्य का फल प्रदान करता है। मंगल को भूमिपुत्र कहा जाता है मंगल का एक नाम अगांरक भी है। सत्याचार्य के अनुसार भवन निर्माण, ईट बनाना, मिट्टी के पात्र बनाना मंगल के ही क्षेत्र में है। आधुनिक काल में सिरेमिक्स, सिरेमिक्स विज्ञान की शिक्षा का फल भी मंगल ही प्रदान करता है।
भूमिपुत्र मंगल की भूमि, भवन से गहरा संबध है। दशमभाव में मंगल को विशेष स्थान बल प्राप्त होता है नवम्, चतुर्थभाव से संबध होने पर मंगल द्वारा प्रदत्त कार्य भवन निर्माण, प्रापर्टी डीलर या भूमि, जायदाद से संबधित कार्य हो सकते है।
रक्त, सर्जरी, शस्त्र आदि पर अधिकार के कारण अस्पताल में कार्य, नर्स, सर्जन पॅथौलाजी, मंगल के ही क्षेत्र है रक्त तथा शरीर के तरल पदार्थो की जॉच से संबधित व्यवसाय तथा सर्जरी, सर्जन के कार्य में मंगल की प्रमुख भूमिका है।
मंगल के प्रमुख गुणसाहस, शूरवीरता, नायकत्व, सक्रियता, तत्परता, जल्दबाजी है। शुभ मंगल, हीरोइक कार्य, सहसी कार्य, पूर्ण संक्रिय, कर्मप्रधान, व्यक्तित्व देने में सक्षम है। परन्तु यदि अशुभ नीच राशिस्थ मंगल प्रभावी हो तो दुस्साहसी, झगड़ालू, चोरी, डकैती, हिंसा आदि का फल देता है। चोरी, हिंसा में भी तो साहस चाहिये पर नीच प्रभाव नीच कर्म करा देता है। उदाहरण के लिये पराक्रम भाव में उच्च मंगल सेनाधिकारी बना कर हथियार देश रक्षा कार्य के लिये उठवायेगा तो नीच मंगल हिंसा, लूटपाट आदि में।
मंगल तर्क, तर्कबुद्धि का सूचक है-
वाग्भावपे रवौ भौमे गुरूशुक्रनिरीक्षते।
परावतांशके वाऽपि तर्कयुक्तिपरायणः।। - जातक परिजात
वकीलो की पत्रिका मे मंगल का शुभ प्रभाव तर्क परायण बनाता है। वकीलों की पत्रिका मे मंगल की कही न कहीं उल्लेखनीय भूमिका रहती है।
परन्तु यदि मंगल क्रूर प्रभाव में या नीच आदि हो तो कुतर्क, लड़ाई, झगड़ा प्रवण बनाता है।
प्रबल मंगल का पत्रिका में दशमभाव कार्यों का फल प्राप्त होता है। प्रबल मंगल का पत्रिका में दशमभाव कार्यों का फल प्राप्त होता है। Reviewed by Jyotish kirpa on 06:59 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.