चंद्रमा का विभिन्न भावों में फल, दोष और निवारण Part 1

चन्द्र का सातवें भाव में फल 
सातवां घर शुक्र और बुध से संबंधित होता है. जब चंद्रमा इस भाव में स्थित होता है तो परिणाम शुक्र, बुध और चंद्रमा से प्रभावित होता है. शुक्र और बुध मिलकर सूर्य का प्रभाव देते हैं. पहला भाव सातवें को देखता है नतीजन पहले घर से सूर्य की किरणे सातवें भाव में बैठे चंद्रमा को सकारात्म रूप से प्रभावित करती हैं जिसका मतलब है कि चंद्रमा से संबंधित चीजों और रिश्तेदारों लाभकारी और अच्छे परिणाम मिलेंगे. शैक्षिक उपलब्धियां पैसा या धन कमाने के लिए उपयोगी साबित होंगी. उसके पास जमीन जायदाद हो या न हो लेकिन उसके पास नकद निश्चित रूप से हमेशा रहेगा. उसके पास कवि या ज्योतिषी बनने की अच्छी योग्यता होगी. अथवा वह चरित्रहीन हो सकता है और रहस्यवाद और अध्यात्मवाद को बहुत चाहता होगा. सातवें भाव में स्थित चंद्रमा जातक की पत्नी और मां के बीच अर्थ संघर्ष देता है जो दूध के व्यवसाय में प्रतिकूल प्रभावी होता है. ऐसे में जातक अगर मां का कहना नहीं मानता तो उसे तनाव और परेशानियों का सामना करना पडता है.
उपाय:
1. 24वें वर्ष में शादी न करें.
2. अपनी मां को हमेशा खुश रखें.
3. लाभ कमाने के लिए कभी भी दूध या पानी न बेचें.
4. खोया बनाने के लिए दूध को न जलाएं.
5. सुनिश्चित कर लें कि आपकी पत्नी शादी में अपने मायके से अपने वजन के बराबर चांदी और चावल लाए.
चन्द्र का आठवें भाव में फल—-
यह भाव मंगल और शनि के अंतर्गत आता है. यहां पर स्थित चंद्रमा जातक की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. लेकिन यदि शिक्षा अच्छी है तो जातक की मां का जीवन छोटा होता है. लेकिन अक्सर यही देखने को मिलता है कि जातक शिक्षा और मां को खो देता है. हालांकि, यदि बृहस्पति और शनि दूसरे भाव में हों तो सातवें घर में बैठे चंद्रमा का बुरा कम हो जाएगा. इस भाव में स्थित चन्द्रमा जातक को पैतृद सम्पत्ति से वंचित करता है. यदि जातक की पैतृक सम्पत्ति के पास कोई कुंआ या तालाब होता है तो जातक के जीवन में चंद्रमा के प्रतिकूल परिणाम देखने को मिलते हैं.
उपाय:
1. जुआ और अनैतिकता से बचें.
2. अपने पूर्वजों के लिए श्रद्धा समारोह आयोजित करें.
3. कुएं को छत से ढकने के बादघर का निर्माण न करें.
4. बुजुर्गों और बच्चों के पैर छूकर आशीर्वाद लें.
5. श्मशान भूमि की सीमा के भीतर स्थित नल या कुंए से पानी लाएं और अपने घर के भीतर रखें. यह सप्तम भाव में स्थित चंद्रमा की सभी बुराइयों दूर करता है.
6. पूजा स्थल में चना और दाल दान करें.
चन्द्र का नौवें भाव में फल—-
नौवां घर बृहस्पति, से सम्बंधित होता है जो चंद्रमा का परममित्र है. इसलिए जातक इन दोनों ग्रहों के लक्षण और सुविधाओं को आत्मसात करता है साथ ही अच्छे आचरण, कोमक हृदय, मन से धार्मिक, और धार्मिक कृत्यों तथा तीर्थयात्राओं से प्रेम करने वाला होता है. वह 75 वर्षों तक जीवित रहता है. पाचवें घर में स्थित शुभ ग्रह संतान सुख में वृद्धि और धार्मिक कामों में गहन रुचि विकसित करता है. तीसरे भाव में स्थित मित्र ग्रह पैसे और धन में काफी वृद्धि करता है.
उपाय:
1. घर में चंद्रमा से संबंधित चीजें रखें. जैसे अलमारी में चांदी का एक चौकोर टुकड़ा रखें.
2. मजदूरों को दूध परोसें.
3. सांप को दूध पिलाएं और मछली के लिए चावल डालें.
चन्द्र का दसवें भाव में फल  —–
दसवां घर हर तरीके में शनि द्वारा शासित है. यह घर चौथे घर के द्वारा देखा जाता है, जो चंद्रमा द्वारा शासित होता है. इसलिए इस घर में स्थित चंद्रमा जातक को 90 साल की लंबी आयु सुनिश्चित करता है. चंद्रमा और शनि आपस में शत्रु हैं इसलिए, तरल रूप में दवाओं का सेवन जातक को हमेशा हानिकारक साबित होंगी. रात में दूध का सेवन जहर के समान कार्य करता है. यदि जातक चिकित्सक है तो उसके द्वारा रोगी को दी जाने वाली दवाएं यदि शुष्क हों तो मरीज पर इलाज का जादुई प्रभाव पड़ेगा. यदि जातक सर्जन है तो वह सर्जरी के माध्यम से वह महान धन और प्रसिद्धि अर्जित करेगा. यदि दूसरा और चौथा भाव खाली हो तो जातक पर पैसों की बरसात होगी. यदि शनि पहले भाव में स्थित हो तो विपरीत लिंगी के कारण जातक का विनाश हो जाता है, विशेषकर विधवा जातक के विनाश का कारण बनती है. शनि से संबंधित वस्तुएं और व्यवसाय जातक के लिए फायदेमंद साबित होगा. 
उपाय:
1. धार्मिक स्थानों की यात्रा भाग्य वृद्धि में सहायक होगी.
2. बारिस अथवा नदी का प्राकृतिक जल किसी कंटेनर (कनस्तर) में भर कर अपने घर के भीतर 15 साल तक रखें. यह दसम भाव में स्थित चंद्रमा के विषाक्त और बुरे प्रभाव को धो देगा. 
3. रात में दूध न पिएं.
4. दुधारू पशु न तो आपके घर में लंबे समय तक रह पाएंगे और न ही वो आपके लिए फायदेमंद और शुभ साबित होंगे.
5. शराब, मांस, और व्यभिचार से बचें.
चन्द्र का ग्यारहवें भाव में फल —-
यह घर बृहस्पति और शनि से पूरी तरह प्रभावित होता है. इस घर में स्थित हर ग्रह अपने शत्रु ग्रहों और उनके साथ जुडी बातों को नष्ट कर देता है. इस प्रकार यहां स्थित चंद्रमा अपने शत्रु केतू की चीजों को नष्ट कर देता है जैसे जातक के बेटे आदि को. यहां चंद्रमा को अपने शत्रुओं शनि और केतू की संयुक्त शक्ति का सामना करना पडता है, जिससे चंद्रमा कमजोर होता है. ऐसे में यदि केतू चौथे भाव में स्थित है तो जातक की मां का जीवन खतरे में पडेगा. बुध से जुडे व्यापार भी हानिप्रद साबित होंगे. शनिवार के दिन से घर का निर्माण या घर की खरीदी चंद्रमा के शत्रु को बलवान बनाते हैं जो जातक के लिए विनाशकारी साबित होगा. आधी रात के बाद कन्यादान और शुक्रवार के दिन किसी भी शादी समारोह में शामिल होना जातक के भाग्य को नुकसान पहुंचाएगा. 
उपाय:
1. भैरव मंदिर में दूध बांटे और दूसरों को उदारतापूर्वक दूध का दान करें.
2. सुनिश्चित करें कि दादी अपने पोते को न देखने पाए.
3. दूध पीने से पहले सोने के एक टुकड़े को आग में गरम करें और दूध के गिलास में डालकर बुझाएं, इसके बाद दूध पिएं.
4. 125 पीस पेड़े (मिठाइयां) नदी में बहाएं.
चन्द्र का बारहवें भाव में फल—-
यह घर चंद्रमा के मित्र बृहस्पति का है. यहां स्थित चंद्रमा मंगल और मंगल से संबंधित चीजों पर अच्छा प्रभाव डालता है, लेकिन यह अपने दुश्मन बुध और केतु तथा उनसे संबंधित चीजों को नुकसान पहुंचाएगा. इसलिए मंगल जिस भाव में बैठा है उससे जुडा व्यापार और चीजें जातक के लिए अत्यधिक लाभकारी रहेंगी. ठीक इसी तरह बुध और केतू जिस घर में बैठे हैं उससे जुडा व्यापार और चीजें जातक के लिए अत्यधिक हानिकारक रहेंगी. बारहवें घर में स्थित चंद्रमा जातक के मन में अप्रत्याशित मुसीबतों और खतरों को लेकर एक साधारण सा डर पैदा करता है. जिससे जातक की नींद और मानसिक शांति भंग होती है. यदि चौथे भाव में स्थित केतू कमजोर और पीडित हो तो जातक के पुत्र और मां पर प्रतिकूल असर पडता है.
उपाय:—
1. कान में सोना पहनें. दूध में सोना बुझाकर दूध पियें. धार्मिक स्थलों की यात्रा करें. ये उपाय न केवल 12वें भाव के चन्द्र के दुष्प्रभाव को दूर करते बल्कि चौथे भाव के केतू के दुष्प्रभाव को भी दूर करते हैं.
2. धार्मिक साधु-संतों को कभी भी दूध और भोजन न दें.
3. स्कूल, कॉलेज या अन्य कोई शैक्षणिक संस्थान न खोलें और निःशुल्क शिक्षा पाने वाले बच्चों की मदद न करें.
चंद्रमा का विभिन्न भावों में फल, दोष और निवारण Part 1 चंद्रमा का विभिन्न भावों में फल, दोष और निवारण Part 1 Reviewed by Jyotish kirpa on 02:48 Rating: 5

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