धन-सम्पत्ति और विदेश यात्राये करवाता है, अष्ट लक्ष्मी योग : जानिए कैसे

जिस तरह जन्म कुंडली में ग्रहों के द्वारा अनेक योगो का निर्मण होता है, उसी तरह हमारे हाथ में स्थित अनेक रेखाओ , चिन्हों और मणिबंध से भी कई योग बनते है !

इस लेख के द्वारा हम यह जानने का प्रयास करेगे के हथेली में अष्ट लक्ष्मी का निर्माण कैसे होता है ?

जिस व्यक्ति के हाथ में जीवन रेखा, स्वास्थ रेखा , भाग्य रेखा एव सूर्य रेखा स्पष्ट एव द्वढ होती है, उसके अष्ट  लक्ष्मी योग बनता है !

भाग्य रेखा मणिबंध से निकल कर शनि पर्वत पर जाकर उसके मध्य विन्दु को स्पर्श करती हो एवं सूर्य रेखा चद्र पर्वत से प्रारम्भ होकर सूर्य पर्वत के समीप जाए, तो भी अष्ट लक्ष्मी योग होता है !

अष्ट लक्ष्मी  योग वाला व्यक्ति धन, सम्पति का मालिक होता है ! आर्थिक द्रष्टि से उसके पास किसी प्रकार की कमी नही रहती है ! वह पूर्ण रूप से भोतिक सुख प्रप्ति करता है !

इस योग वाला जातक समाज में मान – सम्मान प्राप्त करता है ! ऐसे व्यक्ति विदेश यात्रा करता है !

इस योग वाले व्यक्ति के पास मकान, जमीन, जायदाद, वाहन अदि होते है ! इसका वह पूर्ण सुख भोगता है ! ऐसे व्यक्ति भाग्यशाली होते है !

ऐसे शास्त्रों में वर्णन आता है की महलक्ष्मी के आठ स्वरूप है ! लक्ष्मी जी के ये आठ स्वरूप जीवन के आधारशिला है !

इन आठ स्वरूपों में लक्ष्मी जीवन के आठ अलग – अलग वर्गों से जुडी हुई है ! इन आठ लक्ष्मी के साधना करने से मानव जीवन सफल हो जाता है !

अष्ट लक्ष्मी साधना का उद्देश्य जीवन में धन के अभाव को मिटा देना है ! इस साधना से भक्त कर्ज के चक्रव्यूह से बहार आ जाता है ! आयु में व्यक्ति होती है ! बुद्धि कुशाग्र होती है ! परिवार में खुशाली आती है ! समाज में सम्मान प्राप्ति होता है ! प्रणय और भोग का सुख मिलता है ! व्यक्ति का स्वास्थ अच्छा होता है और जीवन में वैभव आता है !
धन-सम्पत्ति और विदेश यात्राये करवाता है, अष्ट लक्ष्मी योग : जानिए कैसे धन-सम्पत्ति और विदेश यात्राये करवाता है, अष्ट लक्ष्मी योग : जानिए कैसे Reviewed by Jyotish kirpa on 07:47 Rating: 5

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