वरूथिनी एकादशी 2018: वरूथिनी एकादशी व्रत विधि

वरूथिनी एकादशी को बरूथनी एकादशी के अन्य नाम से भी जाना जाता है। वरूथिनी एकादशी वैशाख कृष्ण एकादशी को पड़ती है। इस माह वरूथिनी एकादशी 12 अप्रैल 2018 (गुरूवार) है।
शास्त्रों के अनुसार वरूथिनी एकादशी को भक्त भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करते हैं। वरूथिनी एकादशी के विषय में ऐसा कहा जाता है कि जो इस एकादशी के व्रत को निष्ठपूर्वक करते हैं, उनके सारे पाप धुल जाते हैं और जीवन में निरंतर खुशी प्राप्त करते हैं।

वरूथिनी एकादशी व्रत-कथा 

वरूथिनी एकादशी को का व्रत करने से सौ कन्यादान का फल प्राप्त होता है। वरूथिनी एकादशी के संदर्भ में भविष्य पुराण में कथा आई है कि भगवान कृष्ण ने राजा युधिष्ठिर को वरूथिनी एकादशी की प्रासंगिकता बताई थी।

उन्होंने कहा कि इस दिन जानवर जन्म और मृत्यु के चक्र से खुद को मुक्त कर सकते है। वरूथिनी एकादशी के दिन दान करने का विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि वरूथिनी एकादशी को दान करने से मनुष्य जीवन भर खुशियां प्राप्त करता है।
भविष्य पुराण के अनुसार वरूथिनी एकादशी के दिन दान इन चीजों का दान करना अत्यंत लाभदायक माना जाता है।

इन चीजों का दान है सर्वोत्तम 

वरूथिनी एकादशी के दिन घोड़े, हाथी, भूमि दान, तिल के बीज आदि का दान करने से मनुष्य के भाग्य चमकते हैं। वरूथिनी एकादशी पर परिवार के एक व्यक्ति द्वारा दान करने से उसके पूर्वजों और परिवार के सदस्यों को फायदा होता है।

वरूथिनी एकादशी व्रत विधि

  • शास्त्रों के अनुसार एकादशी से एक दिन पहले जो लोग एकादशी का व्रत करते है उनको इन सब बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।
  • धातु की प्लेट पर खाना नहीं कहना चाहिए
  • किसी भी तरह के खाने में उड़द की दाल नहीं खानी चाहिए
  • लाल मसूर की दाल नहीं खानी चाहिए
  • मटर नहीं खानी चाहिए
  • कोंदो (एक अनाज है जो कि मुख्य रूप से गरीब लोगों द्वारा खाया जाता है और वो खसखस जैसा दिखता है) को नहीं खाना चाहिए
  • शहद नहीं खाना चाहिए
  • किसी अन्य व्यक्ति के घर में नहीं खाना चाहिए
  • एक बार से अधिक खाने से बचे
  • चना नहीं खाना चाहिए
  • किसी भी तरह की सेक्स क्रियाएं ना करें
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