ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह को सभी ग्रहों का सेनापति कहा गया है। जिस जातक की कुंडली में मंगल की प्रधानता होती है वह साहसी, पराक्रमी स्वस्थ और आकर्षक होता है।
साथ ही जब व्यक्ति मंगल के अशुभ प्रभाव में होता है तो व्यक्ति शारीरिक रूप से अत्यंत निर्बल हो जाता है। उसके भीतर साहस और पराक्रम का अभाव हो जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी कोई ग्रह शुभ या अशुभ प्रभाव देने वाला होता है तो उससे पहले ही वह कुछ संकेत देने लगता है। यदि मनुष्य इस संकेतों को पहले जन लेता है तो इसके अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह होता है।
मंगल के अशुभ होने पर मिलते हैं ये संकेत
- मंगल के अशुभ होने पर घर-मकान का कोई भाग टूट जाता है।
- घर के किसी स्थान पर आग लग जाती है।
- मंगल का कारक लाल रंग की कोई कीमती वास्तु खो जाती है।
- पूजा के दौरान हवन की अग्नि अचानक बुझ जाती है।
- अग्नी प्रज्जवलित करने पर भी ना होना।
- शरीर में वात रोग का लक्षण दिखना।
- कोई छोट दुर्घटना होना या दुर्घटना का शिकार होना।
- मंगल दोष के उपाय
- मंगालवार को हनुमान जी को बूंदी का लड्डू का प्रसाद अर्पित करें।
- हनुमान चालीसा का 108 आवृति पाठ करें।
- माता-पिता से नियमित आशीर्वाद लें। उनकी सेवा करें।
- पानी में लाल रक्त चंदन और लाल कनेर के फूल डालकर स्नान करें।
- मंगलवार के दिन मूंगा, मसूर की दाल, ताम्र, स्वर्ण, गुड़, घी, जायफल आदि वस्तुओं का दान करें।
- एक समय बिना नमक के भोजन का सेवन करें।
- मीठी रोटी (गुड़ व गेंहू की), तांबे के बर्तन, लाल चंदन, केसर, लाल गाय आदि का दान करें।
- मंगल-मंत्र "ॐ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाया नम:" इस मंत्र का किसी योग्य पंडित से 44000 जप करवाएं अथवा खुद भी कर सकते हैं।
- मंगलवार के दिन इस मंत्र से हनुमानजी की आराधना करें। मंत्र- "ॐ अंगारकाय नम:"
अन्य उपाय
लाल रूमाल को सदैव हमेशा अपने पास रखें।
बाएं हाथ में चांदी की अंगूठी धारण करें।
कन्याओं की पूजा करें और स्वर्ण न पहनें, मीठी तंदूरी रोटियां कुत्ते को खिलाएं।
घर में दूध उबालने के क्रम में दूध बाहर न निकले इस बात का विशेष ध्यान रखें।
ज्योतिष शास्त्र: अशुभ ''मंगल'' की स्थिति में मिलते है ये संकेत, ये हैं बचने के उपाय
Reviewed by Jyotish kirpa
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