बालरूप में यहां विराजमान हैं रामभक्त हनुमान, दर्शनों के लिए लगती हैं लंबी कतारें

ग्रथों व पुराणों के अनुसार रामभक्त हनुमान एेसे देव हैं, जिन्हें अमरत्व का वरदान प्राप्त है। उन्हें ये वरदाव प्राप्त है कि जहां उनके प्रभु श्रीराम का नाम लिया जाएगा वहां-वहां हनुमान प्रगट होंगे।एेसा ही एक जबलपुर में उनका सूक्ष्म रूप लोगों को हर बार कृतार्थ करता है। यहां हम बात कर रहे हैं, नर्मदा तीर्थ ग्वारीघाट स्थित प्रसिद्ध रामलला मंदिर की, जहां हनुमान जी बाल रूप में विराजमान है। उनकी प्रतिमा के दर्शन साल में मात्र एक बार हनुमान जयंती पर ही सुलभ होते हैं। वीर हनुमान के इस बाल रूप को देखने के लिए हर वर्ष लंबी कतारें लगती हैं।

अनूठा संयोग
आज शनिवार के दिन श्रीराम भक्त हनुमान के जन्मोत्सव की धूम मचेगी। हर तरफ तैयारियों का दौर है। हनुमान मंदिर सजावट से दमक उठे हैं। रामदूत के लिए चोला, फूल माला और लड्डुओं का भोग तैयार है। यही तैयारी ग्वारीघाट के रामलला मंदिर में भी चल रही है। खास बात ये है कि यहां यह भोग हनुमानजी बालक के रूप में ग्रहण करेंगे।

गर्भगृह में है प्रतिमा
मंदिर के संरक्षण पं. इंद्रभान शास्त्री बताते हैं कि रामलला मंदिर के गभगृह में हनुमान जी की पांच अंगुल बराबर प्रतिमा है। इस प्रतिमा में हनुमानजी बाल्य स्वरूप में हैं। प्रतिमा सदियों पुरानी है। इसे साल में केवल एक बार हनुमान जन्मोत्सव के दिन ही गर्भगृह से बाहर निकाला जाता है। प्रतिमा को षोडसोपचार विधि से पूजन किया किया जाता है। उन्हें दूध और लड्डुओं का भोग अर्पित किया जाता है। यह परंम्परा पूर्वजों के जमाने से चली आ रही है।

पूरी होती है हर अर्जी
बालरुप हनुमानजी के गर्भगृह के ऊपर ही एक बड़ी प्रतिमा है, जो रामलला के नाम से प्रसिद्ध है। इस प्रतिमा में हनुमानजी दुष्टों को खदेड़ने जैसी मुद्रा में हैं। यहां हर रोजाना हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं। हनुमान जन्मोत्सव के दिन तो मेला लगता है। 


बालरूप में यहां विराजमान हैं रामभक्त हनुमान, दर्शनों के लिए लगती हैं लंबी कतारें बालरूप में यहां विराजमान हैं रामभक्त हनुमान, दर्शनों के लिए लगती हैं लंबी कतारें Reviewed by Jyotish kirpa on 23:27 Rating: 5

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